चकबंदी निदेशालय के बारे में
उत्तर प्रदेश में चकबंदी योजना का प्रारम्भ सन् 1954 में मुजफ्फर नगर जिले की कैराना तहसील व सुल्तानपुर जिले की मुसाफिर खाना तहसील से हुआ था। सफल परीक्षण के उपरान्त चकबंदी योजना को सन् 1958 से सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किया गया। चकबंदी योजना के संचालन हेतु चकबंदी संचालक/आयुक्त के अधीन चकबंदी विभाग का गठन किया गया। चकबंदी संचालक के कार्यो में सहयोग हेतु अतिरिक्त चकबंदी संचालक व संयुक्त चकंबदी संचालक का प्राविधान किया गया है।
जनपद स्तर पर चकबंदी प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन हेतु जिला उप संचालक चकबंदी, उप संचालक चकबंदी, बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी, चकबंदी अधिकारी एवं सहायक चकबंदी अधिकारियों की नियुक्ति कार्य के सापेक्ष किये जाने का प्रावधान किया गया है।
चकबंदी प्रक्रिया राज्य सरकार की कल्याणकारी योजना है जो कि प्रत्येक कटक के काश्तकारों, जनता, जन प्रतिनिधियों तथा भूमिप्रबन्धक समिति की सहभागिता से सम्पादित की जाती है। अधिकतम सहभागिता एवं पारदर्शिता हेतु प्रत्येक कटक के लिये एक चकबंदी समिति गठित की जाती है जिसमें कम से कम पांच और अधिक से अधिक 11 सदस्य होते हैं। समिति को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए, बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी, अधिकतम चार व्यक्तियों के नाम सम्मिलित कर सकता है, जो विशेष होल्डिंग के एकाउंट होल्डर (अनुच्छेद-3(2-एए) एवं नियम-3ए) से संबंधित होंगे तथा जिनके पास निर्धारित और अपेक्षित योग्यता होगी।